हॉट सीमा 2 Xxx की चूदाई कहानी 15 Antarvasnastory2.in

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हॉट सीमा 2 Xxx की चूदाई कहानी 14

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तब उन्होंने मुझे चूमते हुए कहा- सीमा , इसकी मोटाई नाप कर क्या करेगी, बस मजे लेती रह!

उनकी बात पर मैं शर्म के मारे पानी पानी हो गयी.

कमरे में कोई नही था तो मेरी हिम्मत बनी रही, मेरी नन्ही सी चुत में जमाल का मोटा लंड लगातार वार कर रहा था.

मेरी 15-20 मिनट से जम कर चुदाई हो रही थी।

मैं लगातार सिसकार रही थी- आह्ह  जमाल  आह्ह हाय  लंड  आह्ह  ऊई  मेरी चुत  आह्ह  ओह्ह  चुद गयी  आह्ह।

इधर जमाल मेरे चूतड़ों को पीटने लगा और कमरे में मेरी चीखें और चट चट की आवाज सुनाई देने लगी।

जमाल बोले- सीमा मादरचोद रंडी … साली तू बहुत चुदासी लड़की है।

मैंने अपने हाथों से अपने बूब्स को निचोड़ना शुरू कर दिया और बोली- और तेज जमाल, और तेजी से चुदाई करो, मजा आ रहा है, मैं आपकी रखैल हु आप मुझे तेजी से चोदो।

जमाल जोश में आ गए और झटके मार मारकर चुदाई करने लगे।

उनके हर झटके में मेरी चीखें गूंजने लगीं- आईई  ऊईई आआआआ  ईईई आह  ओह प्लीज  इस्स  आह्ह।

उन्होंने मुझे खींच कर अपने से चिपका लिया और मेरे बूब्स दबाने लगे और बोले- कैसा लगा सीमा मादरचोद ?

मैं बोली- जमाल , मजा आ गया, क्या बात है  क्या लंड है।

थोड़ी देर की चुदाई के बाद उन्होंने लंड निकाल लिया और बोले- सीमा मादरचोद  चल लंड को चूस।

मैं बोली- जमाल, आपने तो मेरी जान निकल दी, बाप रे कितनी बुरी तरह से चोदा।

मैं उनके लंड को चूसने चाटने लगी और बोली- वाह जमाल क्या स्वाद है।

मैंने लंड को मुँह में डाल लिया और अपने सिर को आगे पीछे करते हुए लंड चूसती रही।

जमाल बोले- सीमा मादरचोद, चूसती रह छिनाल।

मैंने उनके अंडे को भी खूब चूसा।

जमाल ने मुझे खड़ा किया और मेरी एक टांग हवा में उठाकर चुत में लंड डाल दिया, हम खड़े खड़े चुदाई करने लगे।

वे मुझे चूमने लगे और मेरे चूतड़ों पर चांटे मारने लगे।

मैं कराहते हुए बोली- आहह आह आह  ओह्ह  प्लीज  धीरे मारो जमाल।

जमाल मेरा गला दबाकर चुदाई करने लगे और मेरे चूतड़ों पर चांटे मारने लगे।

मेरा दम घुटने लगा और मेरे आंसू निकल गये, उन्होंने मुझे छोड़ दिया और मैं हांफने लगी।

तभी उनके चूतड़ों की रफ़्तार अचानक काफी बढ़ गयी. मेरे हलक से मजे और मीठे दर्द के कारण हिचकियां निकलने लगीं और कुछ ही सेकेंड बाद जमाल के गले से सांड की तरह आवाज़ निकलने लगी।

मेरी चुत में उनके लंड से वीर्य की गर्म गर्म पिचकारी पड़ने लगीं, मेरी बच्चेदानी में मुँह पर जमाल के लंड ने करीब 9-10 बार रह रह कर धार मारीं और वो मेरे ऊपर लेटते चले गए।

जमाल बोले- आह्ह  मेरी चुदक्कड़ रांड  मजा आ गया तेरी चुत मारकर, अब मैं तेरी गांड मारूंगा।

मैं बोली- मगर आपने तो मेरी जान ही निकाल दी, प्लीज मेरी गांड मत मारना आपका लंड बहुत मोटा है, मेरी गांड फट जायेगी।

जमाल बोले- तू चिंता मत कर छीनाल कुछ नहीं होगा रंडी, चल आजा।

उन्होंने लंड निकाला और बिस्तर पर लेट गये और लंड पर और गांड पर क्रीम लगा कर बोले- चल अब जल्दी से लंड को अपनी गांड में घुसा ले।

मैं जानती थी कि वह मेरी गांड मारकर ही रहेंगे। मैं जमाल के लंड को अपनी गांड पर टिका कर बैठ गई।

उन्होंने मेरी कमर पकड़ी और लंड मेरी गांड में घुसाने लगे।

लंड काफी मोटा था और बार बार सरक जाता था।

जमाल बोले- अरे मादरचोद छिनाल  जल्दी से लंड पर बैठ जा हरामजादी।

मैंने लंड को अपनी गांड में टिका कर झटके से बैठ गई।

लंड का सुपारा मेरी गांड में घुस गया और मैं चीख पड़ी- आई ईईई  ऊईई ईई  आह्ह फट गयी।

दर्द से बिलख मैं उठने लगी, मगर उन्होंने मुझे दबोच लिया और बोले- कहाँ जाती है हरामजादी रंडी।

जमाल उठ गये और मैं बिस्तर पर गिर गई, उनका लंड मेरी गांड में ही घुसा हुआ था।

मैं कराहते हुए बोली- आहह आह आह  प्लीज़ जमाल, मुझे छोड़ दो, गांड दुख रही है।

जमाल मुझे चांटे मारते हुए बोले- देख छिनाल  तेरी गांड तो मैं जरूर मारूंगा, तू साथ देगी तो तुझे कम दर्द होगा।

मेरे पास कोई रास्ता नहीं था तो मैं मान गई और बोली- प्लीज़ जमाल लंड धीरे धीरे घुसाना।

उन्होंने मेरी टांगें अपने कंधों पर फंसा लीं और फिर धीरे धीरे लंड को मेरी गांड में घुसाने लगे।

मुझे दर्द होने लगा और मैं चिल्लाने लगी- आह्ह ओह्ह धीरे  धीरे आईई नहीं हाय नहीं मर गयी आह् फट गयी रे आह ईई ओह।

जैसे जैसे लंड अंदर जाता गया मेरी चीखें तेज होती गईं, मगर वो जालिम नहीं रुका।

जमाल बोले- सीमा मादरचोद कुतिया, थोड़ा सा सहन करले छिनाल।

मैं दर्द से रो रही थी मगर जमाल बेदर्दी से मेरी गांड में लंड घुसाते जा रहे थे।

जमाल बोले- कैसा लग रहा है मादरचोद रांड?

मैं कराहते हुए बोली- ऐसा लग रहा है जैसे मेरी गांड में गर्म रोड घुस रहा है।

जब आधा लंड गांड में घुस गया तो उन्होंने धीरे धीरे गांड मारनी शुरू कर दी।

जमाल बोले- वाह हरामजादी  वाह क्या गांड है मादरचोद मजा आ गया।

मैं बोली- जमाल, आपको तो मजा आ रहा है आह्ह लेकिन मेरी आह्ह जा जान निकल रही है।

जमाल मेरी गांड चुदाई करते जा रहे थे और थोड़ा थोड़ा करके लंड मेरी गांड में सरकाते जा रहे थे और थोड़ी देर बाद उन्होंने पूरा लंड मेरी गांड में घुसा दिया।

फिर जमाल बोले- वाह हरामजादी  तूने तो पूरा लंड ले लिया मादरचोद।

उन्होंने मेरे आंसू पौंछे और धीरे धीरे गांड मारने लगे और बोले- बस थोड़ा सा और सहन कर ले छिनाल. जल्दी ही दर्द कम हो जायेगा।

मैं अपने सिर को झटकने लगी मगर वो नहीं माने और उन्होंने रफ्तार बढ़ा दी।

मैं चीखने लगी- आईईई ऊईईईई  आआआआ  रुको धीरे धीरे आह्ह धीरे रे आह्ह नहीं  मर गयी मम्मी ओह्ह आह्ह आह्ह ओह्ह।

कुछ देर चुदने के बाद अब मुझे इसी दर्द में गजब का मजा आने लगा और मैं आनंद में चीखने लगी- आहाह और चोदो फाड़ दो इसको आह्ह पूरा पेल दो गांड का गड्ढा कर दो जमाल।

उन्होंने मेरे बूब्स को निचोड़ना शुरू कर दिया और लंड को और अंदर मेरी गांड में घुसाने लगे।

उनके हर झटके में मेरी चीखें गूंजने लगीं- आईई ऊईईईई आआआआ ईईई आह ओह प्लीज आराम से, ऐसे तो मर जाऊंगी मैं आह्ह।

थोड़ी देर बाद उन्होंने लंड मेरी गांड से बाहर निकाल लिया और मेरे ऊपर बैठ गए और मेरे बूब्स के बीच में लंड फंसा कर घिसने लगे।

मैंने मुँह खोला और उनका लंड मेरे मुँह में घुसने लगा और मैं अपने सिर को आगे पीछे करते हुए लंड को चूसने लगी।

मैं मुँह में लंड फंसा कर लेट गई और जमाल मेरे मुँह में लंड को बुरी तरह धकेलने लगे।

जमाल पूरा लंड मेरे मुँह में डालकर मेरे ऊपर लेट गए। उनका लंड मेरे गले तक घुस गया और मेरा चेहरा उनके पेट से चिपक गया और मेरा दम घुटने लगा।

मैं फड़फड़ाने लगी मगर उनका बदन मेरे ऊपर था।

थोड़ी देर बाद वो लंड निकालकर बोले- सीमा कैसा लगा अपनी गांड का स्वाद?

मैं लंड को चाटते हुए बोली- जमाल, मजा आ गया, मुझे और गांड मरवाने का मन हो रहा है।

जमाल बोले- अरे मादरचोद रांड, अभी तेरी इच्छा पूरी करता हूं।

उन्होंने मुझे गोद में उठा लिया और मेज पर लिटा दिया।

मैंने अपनी टांगें उनके कंधों पर टिकाईं और उनके लंड को अपनी गांड में टिका दिया।

मैंने कहा- प्लीज़ जमाल, जल्दी से मेरी गांड की प्यास बुझा दो ना!

जमाल ने हंसते हुए लंड मेरी गांड में घुसा दिया और मेरे बूब्स को निचोड़ते हुए कहा- वाह बहनचोद सीमा , बहुत चुदासी हो गयी तू गांड के लिए। तू तो बहुत बड़ी रंडी बनेगी, तेरी गांड मारने में मजा आ रहा है।

उन्होंने गांड मारनी शुरू कर दी।

मैं मस्ती में सिसयाने लगी- आहह हाहहह ओहहह इस्स  आह वाहहहह जमाल क्या मस्त लंड है, चोदते ही रहो आज तो।

काफी देर तक जमाल ने मेरी गांड चुदाई की और फिर उन्होंने मेरी चुत में लंड डाल दिया और मेरी टांगें फैलाईं और चोदने लगे।

मैं सिसकारियां लेने लगी और बोली- प्लीज  मेरी चुत पर अब रहम कर दो, पहले ही बहुत दुख रही है जमाल।

जमाल बोले- अरे मादरचोद रांड, अभी मेरा मन नहीं भरा है, अभी तो तुझे और चोदूंगा छिनाल।

जमाल पूरी ताकत से मेरी चूत को भोसड़ा बना रहे थे और मैं भी चुदाई का आनंद लेने लगी।

उन्होंने मेरी चूत और गांड को अपने लंड से खोल कर रख दिया था।

मैंने कहा- प्लीज़ जमाल, मेरी चूत और गांड दुखने लगी है, अब तो जाने दो ना?

उन्होंने अपना लंड निकाल लिया.

और मैं उठकर टेबल पर उल्टी होकर लेट गई और उनके लंड को चूसने चाटने लगी।

उन्होंने अपनी एक टांग मेज पर रख दी और मेरे बूब्स के बीच में लंड फंसा कर घिसने लगे और उनके चूतड़ मेरे मुंह के पास थे।

तो मैं उनकी गांड चाटने लगी और उनके अंडे चूसने लगी।

जमाल बोले- वाह हरामजादी रंडी, क्या नर्म नर्म बूब्स हैं मादरचोद कुतिया।

कुछ देर तक वे मेरे बूब्स के बीच में लंड घिसते रहे और फिर उन्होंने मेरे मुँह में लंड डाल दिया और मुंह को चोदने लगे।

मेरे चूचों को मसलते हुए वो मुंह को चोदे जा रहे थे।

मैं लौड़ा चूसती रही और मेरा मन किया एक बार फिर से न चाहते हुऐ लंड को  गांड में ले लूं।

मैंने उनसे कहा- गांड में चोदो जमाल।

वो उठे और मुझे बेड पर पटक लिया,फिर मुझे करवट से लिटा दिया और अपना लंड मेरी गांड में फंसा दिया।

उन्होंने मेरे बदन को अपनी बाँहों में दबोच लिया और मेरे बूब्स पकड़ कर दबाने लगे, उन्होंने लंड मेरी गांड में घुसा दिया और तेजी से मेरी गांड मारने लगे।

मैं मस्ती में सिसयाने लगी, मेरी चुत की तरह ही अब मेरी गांड में भी जैसे मिर्ची लग रही थी।

जब गांड में अब बिल्कुल भी बर्दाश्त न हुआ तो मैंने लंड को चुत में डालने के लिए कहा, वो मेरी चुत में लंड डालकर चोदने लगे।

अब मेरा बदन दुखने लगा था, जमाल भी शायद थके थके से हो गये थे, काफी देर तक मेरी चुत मारने के बाद उन्होंने मेरी चुत में अपना वीर्य छोड़ दिया और साथ में,  मैं भी झड़ गयी।

और में कपड़े पहन कर ताई जी के पास सो गई, सुबह हम ने फिर से गांव गुमा और रात में अनुम मुझे फ्लेट पर छोड़ गया।

सुबह उठ कर में जिम के लिए निकली, क्योंकि मैंने कुछ दिनों पहले ही जिम ज्वाइन कर लिया था, जिम में पहुंचने के बाद आज राहु ने मुझसे केवल  थाईज़ लगवाई । 

अब उसके बाद तो जैसे मेरे टांगो और गाण्ड की बैंड बज चुकी थी, अब तो न उठा जाये ना चला जाये… दर्द इतना हो रहा था कि ठीक से चला भी नहीं जा रहा था।

मैंने राहु को कहा- तुम मुझे घर छोड़ दो।

राहु मुझे जैसे तैसे बाइक पे बिठा के फ्लेट पे ले आया, फिर राहु ने कहा कि में तुम्हारी मालिश कर देता हूं , शायद थोड़ा दर्द कम हो जाये ।

राहु ने मुझे औंधे लिटा दिया और मेरे पैरो की नसों को दबाने लगा, बीच बीच में उसके हाथ घुटनों के ऊपर मेरी कोमल जाँघों पर भी आते रहते थे, मुझे भी हल्का महसूस हो रहा था।

करीब पंद्रह मिनट तक टांगों की मालिश के पश्चात मुझे थोड़ी राहत मिली पर दर्द अभी भी बहुत था।

मैं बोली – दर्द हल्का कम है पर अब भी इतना ज्यादा है ।

राहु बोला- अगर ऑइल से मालिश हो तो दर्द बहुत हद तक कम हो जायेगा ।

राहु ने अपने बैग से शीशी निका ली और बोला- कपडे के ऊपर से लगाऊँ?

मैंने कहा- ठीक है, लोअर निकाल दो।

राहु ने धीरे अपने हाथ मेरे चूतड़ की तरफ बढ़ाये और फिर लोअर पकड़ कर मेरी जाँघों से होता हुआ मेरे पैरों से निकाल दिया।

जब उसने मेरी लोअर निकलनी शुरू की थी तभी लोअर की आड़ लेकर मेरी पैंटी भी थोड़ी नीचे कर दी जिससे मेरी पैंटी मेरी कमर के बजाय मेरे गाण्ड की दरार के ऊपर आ गई थी।

राहु ने ऑइल लिया और ज़ोर से मेरी जांघों से पैरों तक की मालिश करने लगा,धीरे धीरे उसके हाथ मेरे चूतड़ों पर आ गए और चढ़ाई करने लगे। 

कभी उनको ज़ोर से दबा के मसलने लगता तो कभी सीधा ऊपर से नीचे छलांग लगाने लगता। मैंने भी इशारा समझने की देर किये बिना उसका हाथ पकड़ा और उसका हाथ मेरी पैंटी में घुसा दिया।

मैंने जहाँ उसका एक हाथ घुसाया उसने दूसरा खुद घुसा लिया और दोनों हाथों से मेरे चूतड़ों को मसलने लगा, बड़ी राहत महसूस हो रही थी।

कुछ ही पलों में मेरी पैंटी को भी मेरा साथ छोड़ना पड़ा क्यूंकि अब राहु का मूड बन रहा था और मैंने तो पहले ही हरी झंडी दे दी थी।

राहु ने जैसे ही मेरी पैंटी निकाली, मैंने राहु से साफ़ साफ़ कह दिया- जो तुम्हारी इच्छा हो, कर लो क्यूंकि मुझसे तो तो कुछ नहीं किया जायेगा।

राहु अपनी ऊँगली में ऑइल लगाकर मेरी गाण्ड की दरार में रगड़ने लगा और कुछ ही पलों के भीतर ये उँगलियाँ मेरी गान्ड के अन्दर थी।

थोड़ी देर तक मेरी गाण्ड में ऊँगली करने के पश्चात राहु ने मेरे बिस्तर से दो तीन तकिये मेरे कमर के नीचे रख दिए जिसे मेरे चूतड़ ऊपर उठ गए। 

राहु ने फटाफट अपनी पैंट और चड्डी उतारी और फिर मेरी कमर को दोनों हाथों से पकड़ा और धीरे धीरे मेरी गाण्ड में राहु का लंड घुस रहा था।

धीरे धीरे राहु अपने लण्ड के टोपे का बड़ा भाग़ जो टोपे के आखिरी सिरे होता है, मेरे अंदर जाने लगा। 

उसका आधा लंड  मेरी गाण्ड के अंदर जा चुका था और वो धीरे धीरे पीछे का अपना मोटा लम्बा लण्ड भी मेरी गाण्ड में घुसाता जा रहा था।

और अब मुझे थोड़ा थोड़ा दर्द हुआ, अब मुझे दोनों दर्दों का एहसास अच्छे से हो था और धीरे धीरे मालिश का असर कम हो रहा था।

मैं दर्द से चीखने लगी- आअह्ह ह्ह्ह अह ऊऊह ऊओह्ह्ह ह्ह

थोड़ी देर में उसने धीरे धीरे अपना लण्ड बाहर की तरफ खींचा और आधा बाहर आते ही फिर से अंदर घुसा दिया और फिर उसने मेरी गाण्ड में लण्ड को तेजी से घुसा दिया। 

और फिर धक्कमपेल-अन्दर बाहर गाण्ड चुदाई का खेल शुरू हो गया, कभी लंड अंदर तो कभी बाहर, कभी मेरी सांस अंदर और लंड बाहर तो कभी मेरी सांस बाहर और लंड अंदर, यह खेल यूँ ही चलता रहा। Antarvasna

और करीब 15 मिनट तक तो मुझे बहुत ज्यादा दर्द हुआ पर धीरे धीरे दर्द कम और मज़ा ज्यादा आने लगा और धीरे धीरे दर्द कम होने लगा, शिथिल शरीर में हरकत होने लगी, बदन में जान आने लगी।

थोड़ी देर बाद राहु ने स्पीड बड़ा दी और इस बार मुझे भी हल्की सी गर्मी आ गई थी इसलिए मैंने अपने चूतड़ और ऊपर उठा लिए।

20 मिनिट गान्ड मरने के बाद वो मेरी गांड के अंदर ही झड़ गया, अब हम दोनों चुदाई से थक गए तो वहीं लेट गए। 

और कुछ देर बाद वो चला गया, दर्द के कारण में ऑफिस नही गई, तीन दिन और बीत गए।

मैं तीन दिन से ऑफ़िस नहीं जा रही थी तो शाम को  बॉस का फ़ोन आ गया मेरी तबियत पूछने के लिये।

सर – कैसी तबियत है तुम्हारी अब?

मैं- ठीक है सर। आज कल प्यास थोड़ा ज्यादा ही लग रही है।

सर – गला सूख गया होगा।

मैं- हां सर।

सर – ऑफ़िस में आ जाओ आज , याद आ रही है तुम्हारी ।

मैं- सर चला नहीं जायेगा।

सर – तो अपने भाई को बोल दो, कैब से छोड़ कर चला जायेगा।

मैं- सर वो घर गया हुआ है।

सर – क्या? वो घर गया है। इतनी अच्छी खबर अब दे रही हो।

मैं जोर जोर से हंसती हुई- सर मैं तो बस आपके अन्दर की तड़प देख रही थी।

सर – मैं आ रहा हूँ, फिर देखना मेरी तड़प।

मैं समझ गयी कि आज मेरी गांड फिर फटने वाली है- सर गले को गीला करना है।

सर – क्या पियोगी? लंड का पानी या स्कॉच के साथ पानी?

मैं हंसती हुई- लंड का पानी नहीं पियूंगी।

सर – वो तो अपने आप मुँह में चला जायेगा।

मैं- ठीक है सर आप स्कॉच लेकर आईये। मैं बाकी सामान तैयार करती हूँ।

सर – अपनी चूत और गांड भी रेडी कर लेना।

मैं- वो तो हमेशा ही रेडी रहती है सर।

फिर सर ने फ़ोन रख दिया।

मैंने जल्दी से सारा बिखरा हुआ सामान ठीक किया और बिस्तर को ठीक किया, फिर मैंने  नहा कर सिर्फ गाऊन पहन लिया अन्दर से बिल्कुल नंगी थी।

फिर सर आ गए, उनके हाथ में स्कॉच की बोतल थी जिसे मैंने ले लिया और टेबल पर रख दी, फिर मैंने सर को गले लगाया, उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिये।

सर ने मेरे गाऊन के अन्दर हाथ घुसा दिया मेरी चूतड़ को दबा दबा कर मेरे होंठों को चूस लिया और बोले- बहुत प्यासा हूँ जान तेरी चूत खा जाऊंगा आज।

मैं- मेरा पूरा जिस्म प्यासा है सर … नोच लीजिये मुझे आज!

अब सर मेरी चुचियों को मसल कर बोले- पहले स्कॉच पिलाओगी या फिर निपल्स ?

मैं- सर ये पूरी रात आपके साथ हैं, जितना मन हो पी लिजियेगा। अभी स्कॉच का थोड़ा नशा तो हो जाये।

फिर सर फ्रेश होने के लिये बाथरूम में चले गये और नहाकर एक तौलिया लपेट कर आ गये, अब मैं और बॉस बैठ कर स्कॉच पीने लगे और सेक्सी सेक्सी बातें करने लगे।

चार पेग पीने के बाद मुझे नशा होने लगा और मैंने म्यूजिक चला दिया, फिर सर ने बोला मुझे डान्स करने को तो मैं नाचने लगी और सर मेरे ऊपर पैसे लुटाने लगे।

फिर सर ने तौलिये के ऊपर ही अपने लंड पर 500 का नोट रख दिया जिसे मैंने झुक कर अपने मुँह से उठा लिया और सर के खड़े हो चुके लंड को तौलिये के ऊपर से ही चूम लिया।

फिर मैंने गाऊन को अपने कंधे से नीचे गिरा दिया और सर ने मेरे हाथों को पकड़ कर अपनी बांहों में ले लिया और पीछे से मेरे कन्धे को चूसने लगे फिर मेरी पीठ चाटने लगे।

अब मैं पीछे मुड़ कर सर के होंठों पर होंठ रख कर चूसने लगी, सर ने मेरे गाऊन को खोल कर फेंक दिया और मुझे सोफे पर धकेल दिया।

मैं पूरी नंगी सोफे पर बैठकर अपने बूब्स दबा रही थी और अपनी चूत फैला कर सर को दिखा रही थी, सर ने दारु का ग्लास उठा लिया और उसमें अपना लंड डाल दिया और फिर मेरे होंठों पर लगा दिया।

मैं अपनी जीभ निकाल कर सर  के लंड को चाट कर साफ करने लगी। इस तरह सर ने एक ग्लास स्कॉच अपने लंड पर लगा कर मुझसे चटवाया।

अब मैं सर का लंड जोर जोर से चूसने लगी।

सर ने मुझे रोका और बोले- मुझे पेसाब आ रही है।

मैं बहुत नशे में थी इसलिये मैंने कुछ नहीं सुना और सर का लंड चूसती रही।

अब सर ने मेरे मुँह में मूतना शुरु कर दिया, मैं सर का मूत पी रही थी, पूरा मूत पीने के बाद मैंने लंड को अच्छे से चाट लिया और नंगी ही उठ कर बाथरूम में मुंह धोने चली गयी।

मैं मुँह धोकर आई तो देखा सर सोफे पर नंगे बैठे हुए हैं और दारु पी रहे हैं। उनका मोटा लंड बिल्कुल टाईट खड़ा है और उस पर 500 का नोट रखा हुआ है।

सर – आ जा मेरे लंड की रानी।

मैं मुस्कुराते हुए सर की तरफ आ रही थी और बोल रही थी- सर आज तो चुदायी के पैसे लंड दे रहा है।

सर – आज तुझे रंडी की तरह रगड़ने का मन है साली।

मुझे गाली सुनना बहुत अच्छा लगता है चुदवाते हुए, मैं खुश हो गयी और अपनी एक टांग सर के कंधे पर रख कर खड़ी हो गयी, सर मेरी चूत के अन्दर जीभ डाल कर चाट रहे थे।

फिर सर ने मुझे घोड़ी बना दिया और मेरी गांड के छेद को चाटना शुरु कर दिया, अब सर ने मेरी गांड को 2000 के नोट से पौंछ कर मुझे चाटने को दे दिया, जिसे मैंने मुँह में दबा लिया।

और अब सर ने मेरी गांड के छेद पर अपना लंड रख दिया, अब मेरी गांड फटने वाली थी, मैंने मुड़ कर सर की तरफ देखा।

सर – फ़ाड़ दूँ गांड रंडी? , मैंने हाँ में सिर हिलाया और सर का आधा लंड मेरी गांड को चिरता हुआ घुस गया।

मैं- आआअह सर नहीं  फ़ट गयी है मेरी गांड सर … 

सर – चुप साली राण्ड  मादरचोद तेरी गांड है कि आग का गोला।

मुझे गाली सुन कर थोड़ा अच्छा लगा, मैं- सर और गाली देकर मारिये मेरी गांड  फ़ाड़ दीजिये सर  आह्ह्ह आहह और जोर से।

सर – ले मादरचोद साली राण्ड  भेनचोद कितने लंड लेती है साली  तेरी गांड फाड़ना सबको पसंद होगा मादरचोद।

अब सर का लंड मेरी गांड में पूरी रफ्तार से घुस रहा था। मैं बोली- सर मजा आ रहा है आज मैं 10 लंड घुसवा लूंगी अपनी गांड में। उम्म्ह अहह हय याह जोर से गांड मार दीजिये और जोर से आहह आहह।

सर – ले साली तेरी गांड फ़ाड़ दूंगा आज मादरचोद!

अब सर के लंड का लावा मेरी गांड में निकलने वाला था। सर ने जोर से मेरी बूब्स को पकड़ लिया और मेरी पीठ पर दांतों से काट कर लंड का पानी मेरी गांड में भर दिया।

मुझे उनके लंड की गर्म गर्म मलाई बहुत अच्छा लग रही थी अपनी गांड में … इसलिये मैं भी अपने चूत का रस सोफे पर टपकाने लगी।

सर ने मेरी चूत में उंगली डाल दी और वही उंगली मुझे चाटने को दे दी, मैं अपनी चूत का रस चाट रही थी सर का लंड गांड में लेकर।

अब सर मुझे वैसे ही उठा कर बाथरूम में ले गये और उनका लंड मेरी गांड में ही घुसा हुआ था।

फिर सर ने लंड निकाल कर धो लिया और मुझे झुका कर मेरी गांड पानी गिरा कर साफ कर रहे थे जैसे छोटे बच्चों की पॉटी धोते हैं। 

फिर मेरी गांड में उंगली डाल कर अपना वीर्य भी साफ कर दिया और नंगे ही जाकर सोफे पर बैठ गये।

मैं भी नंगी ही आकर उनके गोद में बैठ गयी और हम दोनों फिर से स्कॉच पीने लगे और बात करने लगे।

पता चला कि सर की बीवी मायके गयी हुई है 3 दिन के लिये ।

आप मेरे साथ बने रहिए और इस हॉट सीमा 2 हार्ड सेक्स कहानी पर किसी भी प्रकार की राय देने के लिए आप मेल पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं.

seema.singh2003@proton.me

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