Lift deke pura paissa wasul kar liya..

प्रेषक :सुधांशु पाटिल .

हेलो दोस्तों , मेरा नाम सुधांशु पाटिल  है. मैं एक बिज़नस मेन हु और मैं बिज़नस के सिलसिले में यहाँ – वहां घूमता रहता हु. मैं राजस्थान, यूपी, एम्पी, डेल्ही और हरियाणा आता जाता रहता हु. मुझे सेक्स स्टोरी पढ़ने और लिखने का बहुत शौक है और मैंने बहुत सी वेबसाइट पर बहुत सारी कहानिया पढ़ी है और लिखी भी है. Antarvasna पर ये मेरी पहली कहानी है. मैं आप लोगो के साथ अपने जीवन की एक घटना शेयर कर रहा हु, जो कि बहुत ही बहुत इन्तेरेस्तिंग है और आप लोगो का मूड फुल ऑफ़ एक्स्सितेमेंट कर देगी ये मेरा चेलेंज है. अब मैं आपका ज्यादा समय नहीं लेते हुए, अब मैं सीधे स्टोरी पर आता हु. ये बात २१ नोवेबेर २०१४ की है, मैं अपनी कार से अपने घर की ओर वापस जा रहा था और शाम को करीब ७ बजे थे और थोड़ा – थोड़ा अंधेरा होने लगा था. मैंने गाड़ी करनाल बाईपास की तरफ टर्न की ही थी, कि एक लेडी जिसकी उम्र करीब ३५ साल के आसपास रही होगी, बट बॉडी लैंग्वेज काफी अट्रेक्टिव थी और वो टोल और हेल्थ भी थी.

लगभग ५.९” का कद और ३६ – २६ – ३६ का फिगर रहा होगा उस लेडी का. वो मुझे लिफ्ट देने का इशारा कर रही थी. मैंने पहले तो उसे इग्नोर करने का सोचा बट ट्रैफिक ज्यादा होने के कारण मुझे ना चाहते हुए भी, अपनी गाड़ी रोकनी पड़ी. और जैसे ही मैंने कार स्लो की, वो वैसे ही विंडो के पास आई और मिरर पर नोक किया. तो मैंने शीशा डाउन करते हुए पूछा – जी कहिये? उसने बोला – आप किस तरफ जा रहे है? जैसे के मुझे बहादुरगढ़ जाना था, इसलिए मैंने उसको रिप्लाई कर दिया. उसने मुझसे उनको मुन्द्का विलेज ड्राप करने की रिक्वेस्ट की. तो मैंने ना चाहते हुए भी, उसे मना नहीं कर सका. मैंने दूर ओपन कर दिया और वो फ्रंट लेफ्ट सीट पर आकर बैठ गयी. तो मैंने म्यूजिक थोड़ा वॉल्यूम बढ़ा दिया. और अपनी ही मस्ती में कार ड्राइव करने लगा और गाड़ी ड्राइव करते हुए, जैसे के शाम के समय ट्रैफिक ज्यादा होता है. मुझे बार – बार गियर बदलने की जरूरत हो रही थी. बट कई बार उसने अपना हाथ गियर लीवर पर रखा. जिस से मेरा हाथ उसके हाथ से कई बार टच हुआ.

और मुझे काफी ओड फील हुआ. पुरे रास्ते वो मेरे ही बारे में पूछती रही तो मैं उसे सब कुछ बताता रहा और कुछ ही समय में, हम मुन्द्का पार कर रहे थे. तो मैंने उसको पूछा, कि आपको कहाँ उतरना है? तो उसने मुझे कहा, कि आज उसके घर पर कोई नहीं है. अगर आप को बुरा ना लगे, तो क्या वो मेरे साथ मेरे घर पर चल सकती है? मैं तो हैरान रह गया और मैं समझ गया, कि ये दुसरे टाइप की लेडी है और अब मैं भी उसे इस्तेमाल करने की ठान ली. बट मैं उसे अपने साथ अपने घर नहीं ले जाना चाहता था और ना ही उसे ये पूछने की हिम्मत थी, कि वो क्या चाहती थी. और घर ले भी कैसे जा सकता था? मेरे घर पर मेरी पूरी फॅमिली थी माँ, भाई, सिस्टर… घरवाले पूछते, कौन है.. कहाँ से आई है? तो मैं क्या जवाब दूंगा? ये सब सोच कर, फिर मैंने उससे बहाना बना कर टालना चाहा और मैंने उसे कहा – यहीं टिकरी बॉर्डर में मेरा ऑफिस है.

वहां जाने के बाद, अगर जरूरत पड़ी, तो हो सकता है कि ,मुझे गाज़ियाबाद जाना पड़े और वहां होटल में ही रुकना पड़े. मुझे वहां पर भी जरुरी काम है. तो उसने कहा, कोई बाद नहीं है. मैं अकेले बोर नहीं होना चाहती, तो फिर मैंने कार आगे बढ़ा दी और अब मुझे लग रहा था, कि मामला पूरा फिट है. तो मैंने टिकरी बॉर्डर जाकर उसे मेरा ऑफिस बताया और एक फेक कॉल की और फिर मैंने उसे कहा, कि मुझे गाज़ियाबाद जाना है, चलिए मैं आप को आपके घर ड्राप कर देता हु और फिर मैं गाज़ियाबाद निकल जाऊंगा. मैंने फिर से कार वापस मुन्द्का की तरफ मौड़ ली और वहां पहुचने के बाद, उसने मुझे एक बड़े से घर के सामने कार रोकने को कहा. तो मैंने कार रोकी और उसने उतरते हुए, मुझे भी आने के लिए बोला. उस घर का लॉक खोलते हुए, उसने मुझे बताया कि यानि उसका हाउस है. तो फिर मुझे बहुत ही पछतावा हुआ, कि अगर मैंने गाज़ियाबाद होटल का ना बोला होता, तो गुड था और कुछ टाइम उसके मज़े ले सकता था.

अब तो कोई बात बन ही नहीं सकती थी. तो मैंने उसे लेट होने का बहाना करते हुए, चलने को बोला और वापस अपनी कार की तरफ बड़ने लगा. तो अचानक उसने मुझे पीछे से आवाज लगायी और कहा, कि अगर आपको कोई परेशानी ना हो, तो क्या मैं भी आपके साथ गाज़ियाबाद चल सकती हु? उसने कहा, कि प्लीज उसे गलत ना समझू? वो खुद को काफी बोर महसूस कर रही थी, सो उसने ऐसे पूछा, मेरे तो मन के अन्दर लड्डू फुट गये. और मैंने उसे कहा, कि कोई बात नहीं और उसने तुरंत मैं डोर लॉक करते हुए मेरे पास हंसती हुई आई और खड़ी हो गयी. और मैंने भी देर ना करते हुए, कार को सीधा गाज़ियाबाद को और ले निकला. सारे रास्ते मैं उसे चोदने का प्लान बनाता रहा और गाज़ियाबाद में पहले तो हमने नाईट ड्रेस परचेज की और जब मैं शोपकीपेर को पैसे देने लगा. तो उसने अपने पर्स से १०० की गद्दी निकालते हुए, मुझे पकड़ा दी और कहा, प्लीज आप मेरे लिए अपने पेसे वेस्ट ना करे.

फिर मैंने एक होटल में रूम में बुक किया और फिर प्लान के मुताबिक मैं अपने क्लाइंट से मिलने के बहाने उसे होटल के रूम में ही छोड़कर होटल से बाहर आ गया. और फिर मैंने २ बियर ली और खाना पेक करवाया और एक मेडिकल शॉप पर जा कर २ वियग्रा की १०० एम्जी की पिल्स ले ली और गोलियों को मैंने उसे खाने में मिला दिया और वापस होटल में आ गया.

होटल में आके हम दोनों होटल में चेकिंग किये और वोह फ्रेश होने चली गयी और मई हम दोनों का नाश्ता की इन्तेजाम कर दिया .और मई वेटर को पहेले से ही सब कुछ समझा के रक्खा था और उसके लिए उसको मई ने कुछ बक्शीस भी दे दिया .और हम दोनों फ्रेश होने के बाद रूम में खाना अगेया था .भीगी बदन में वोह और भी खुबसूरत लग रही थी .ऊपर से एक काले रंग की साड़ी पहेनी हुई थी .उसका नाभि के निचे साडी से उसका जौवन की मस्ती साफ़ झलक दे रही थी .

हम दोनों ने एक साथ खाना खाया और फिर हम दोनों वापस रूम में अगेये थे ,उसका मूड बनना शुरु होगेये था ,उसकी फेस और शारीर की चाहत से समझ अरेही थी की वोह sex के लिए तड़प रही थी . मैंने उसकी चिक लिप सब जगह अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया और वो पूरी तरह से मदहोश हो गयी और मेरे कपड़े उतारने लगी. हम दोनों के लिप्स अलग होने का नाम ही नहीं ले रहे थे. मैंने किसिंग में ही उसके टाइट ब्लाउज में हाथ डाल दिए और ब्रा के ऊपर से बूब्स को मसलने लगा. वो धीरे – धीरे सोफे पर लेटने लगी और मैं उसके लिप को छोड़ना नहीं चाहता था.

मैंने उसकी ब्रा निकाल कर फेंक दी और दोनों हाथो से उसके बिग बिग बूब्स…. मैं अपने हाथ में दबा कर चूसने लगा. मैंने उसके बूब्स को इतने जोरो से दबा रहा था, कि उसके मुह से अहः अहहाह अहहाह अहहः आऊवूऊ औच औच औच औक औच एच औच औच औच चीखने की आवाज़े निकल रही थी. मैंने इसी दौरान उसका पेटीकोट और पेंटी दोनों को निकाल दिया और वो अब पूरी नंगी हो गयी थी. मेरे सामने कोई परी के माफिक एक हसीं जलवा बिखेरने वाली औरत खड़ी थी, जिसकी कमसिन जवानी से मैं खेलने वाला था. मैं एकदम से उस पर टूट पड़ा और उसके फिर से सब जगह पर किसिंग करने लगा. वो बार – बार मेरा मुह पकड़ लेती और लिप किसिंग करने लगती. अब उसने मेरा पेंट और अंडरवियर निकाल दिया और वो बोली – ओये.. होए… मेरा छोटा राजा.. ये तो अब और भी ज्यादा मस्त हो गया है.. मैंने बोला – मेरी रानी.. तेरे बाद वो और बहुत सी सारी चूत के स्वाद को चख चूका है. वो बोली – अरे वहाह्ह्ह्ह… तब तो आज जितनी को जिस जिस पोजीशन में चोदा है.. मुझे उस – उस पोजीशन में चोद मेरे राजा… मैंने भी कहा दिया – ओके मेरी डार्लिंग.

फिर मैंने उसको बेडरूम में ले जाकर बेड पर लेटा दिया और मैं उसके साइड में आ गया. हम किसिंग करने लगे थे और मैं उसके बूब्स को दबा रहा था. फिर धीरे – धीरे से चूत पर हाथ ले गया. तो ऑब्वियस थी, कि हर बार की तरह ही बहुत ज्यादा चिकनी हो चुकी थी. उसका २ बार पानी निकल चूका था और अब मैं उसकी चूत के दाने को रब करने लगा. वो मचल उठी और बोलने लगी… प्लीज चोदो ना… मुझे… अब चोद भी डालो… और मत तड़पाओ… कितने महीनो से मैं प्यासी हु… मेरे पति टूर पर जाकर बाहर मौज कर लेते है और इधर मैं प्यासी ही रह जाती हु. मैंने बोला – मैं हु ना मेरी जान.. तेरे लिए… और ऐसा कहा कर, मैंने उसके पैरो को ऊपर कर दिया और अपने लंड को उसकी चूत पर रख कर अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा. वो मुझ से एकदम चिपक गयी थी और मुझे किसिंग कर रही थी. मैंने उसकी चूत में एक झटका लगा कर अपने लंड डाल दिया और वो एकदम से सिहर गयी. वो चिल्ला भी नहीं सकती थी. क्योंकि उसका मुह अपने अपने होठो में लेकर एकदम टाइट बंद कर रखा था. अब मैंने उसको कस कर पकड़ लिया और अपनी गांड को बहुत तेजी से हिलाने लगा. मैंने रफ़्तार बहुत ही ज्यादा तेज थी और मैंने उसको बहुत ही जोरो से चोदना शुरू कर दिया.. वो भी अपनी गांड को हिला कर मुझ से चुदवा रही थी.

मैं साथ ही उसके बूब्स मसलने लगा. वो तो पूरी तरह से पागल हो गयी थी चुदाई में. मुझे लगने लगा था, कि वो बेहोश हो गयी है. करीब १५ मिनट मैंने उसको उस पोजीशन में चोदा और फिर मैं उसके बूब्स के ऊपर आ गया और उसके बूब्स पर बैठ गया और फिर मैंने अपना लंड उसके मुह में घुसा दिया. वो हिला – हिलाकर उसको चाटने लगी और बोली – उस बार की तरह ही मुझे चॉकलेट लगा कर चाटना है मुझे. मैंने बोला – ठीक है. रात को चॉकलेट लेते आऊंगा, मेरी डार्लिंग के लिए. वो और भी जोरो से चूसने लगी. फिर मैंने उसे डोगी स्टाइल में ले लिया और उसकी गांड में लंड डाल दिया. अब उसकी गांड मेरे लंड को आसानी से नहीं ले रही थी. क्योंकि उसकी गांड फर्स्ट टाइम मैंने ही मारी थी और उसका बहुत टाइम हो गया था. सो मैंने आयल मंगवाया और उसकी गांड की थोड़ी सी मालिश कर दी और फिर उसने मेरे लंड पर आयल लगाया और फिर वो डोगी हो कर मुझे बुलाने लगी और बोली – आओ मेरे राजा.. अपनी रानी की गांड का भुरता बना कर फाड़ दो… डालो ना. अपने लंड को अब मेरी गांड में… छोड़ना मत… बिलकुल भी… रगड़ डालो ढंग से…

antarvasna मैंने उसकी गांड में लंड घुसा दिया और वो चिल्ला कर बोल रही थी… रुकना मत. मेरे राजा.. फाड़ दो उसको आज.. मैं उस से चिपक कर उसके बूब्स को मसलते हुए.. कंधो पर किसिंग करते हुए गांड मार रहा था. करीब २० मिनट बाद, मेरा छुटने वाला था. तो मैंने उसे पूछा वो बोली – अभी मेरी सुखी गांड को हरा कर दो.. रात में चूत को पानी पिलाना है. मैं तेज झटके मारने लगा. करीब १५ – २० धक्को के बाद, मेरा बहुत सारा क्रीम उसकी गांड में छोड़ दिया. उसकी गांड से सब बाहर आने लगा. वो बेड पर हाँफते हुए गिर गयी और मुझे पूरा अपने ऊपर खीच लिया और रोमांस करने लगी. 

धन्यबाद ….

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